Chanakya Niti Quotes in Hindi and English
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चाणक्य के महान एवं अनमोल विचार: part-1,
1. अधीत्येदं यथाशास्त्रं नरो जानाति सत्तमः। धर्मोपदेशं विख्यातं कार्याऽकार्य शुभाऽशुभम् ।।१।। Chanakya Niti Quotes in Hindi and Sanskrit
अर्थ – जो व्यक्ति शास्त्रों के सूत्रों का अभ्यास करके ज्ञान ग्रहण करेगा उसे अत्यंत वैभवशाली कर्तव्य के सिद्धांत ज्ञात होंगे। उसे इस बात का पता चलेगा कि किन बातों का अनुसरण करना चाहिए और किनका नहीं। उसे अच्छाई और बुराई का भी ज्ञात होगा और अंततः उसे सर्वोत्तम का भी ज्ञान होगा।
That man who by the study of these maxims from the shatras acquires a knowledge of the most celebrated principles of duty, and understands what ought and what ought not to be followed, and what is good and what is bad, is most excellent.
2. तदहं संप्रवक्ष्यामि लोकानां हितकाम्यया ।
येन विज्ञानमात्रेण सर्वज्ञत्वं प्रपद्यते ।।२।।
अर्थ – इसलिए लोगों का भला करने के लिए मैं उन बातों को कहूँगा जिनसे लोग सभी चीजों को सही नज़रिए से देखेंगे।
Therefore with an eye to the public good, I shall speak that which, when understood, will lead to an understanding of things in their proper perspective.
3. मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च ।
दुःखितै सम्प्रयोगेण पण्डिताेऽप्यवसीदति ।।३।।
अर्थ – एक पंडित भी घोर कष्ट में आ जाता है यदि वह किसी मूर्ख को उपदेश देता है, यदि वह एक दुष्ट पत्नी का पालन-पोषण करता है या किसी दुखी व्यक्ति के साथ अतयंत घनिष्ठ सम्बन्ध बना लेता है।
Even a pandit comes to grief by giving instruction to a foolish disciple, by maintaining a wicked wife, and by excessive familiarity with the miserable.
Some Chanakya Niti Quotes in Hindi:
4. स्त्रीणां द्विगुण आहारो लज्जा चापि चतुर्गणा ।
साहसं षड्गुणं चैव कामश्चाष्टगुणः स्मृत ।।४।।
अर्थ – महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा: भूख दो गुना, लज्जा चार गुना, साहस छः गुना और काम आठ गुना होती है।
Women have hunger two-times, shyness four-times, daring six-times, and lust eight-times as compared to men.
ससर्पे च गृहे वासो मृत्युरेव नः संशयः ।।५।।
अर्थ – दुष्ट पत्नी, झूठा मित्र, बदमाश नौकर और सर्प के साथ निवास साक्षात् मृत्यु के समान है।
A wicked wife, a false friend, a foolish servant and living in a house with a serpent in it are nothing but death.
6. आपदर्थे धनं रक्षेद्दारान् रक्षेध्दनैरपि ।
आत्मानं सततं रक्षेद्दारैरपि धनैरपि ।।६।।
अर्थ – व्यक्ति को आने वाली मुसीबतों से निबटने के लिए धन संचय करना चाहिए। उसे धन-सम्पदा त्यागकर भी पत्नी की सुरक्षा करनी चाहिए। लेकिन यदि आत्मा की सुरक्षा की बात आती है तो उसे धन और पत्नी दोनों को तुक्ष्य समझना चाहिए।
One should save his money against hard times, save his wife at the sacrifice of his riches, but invariably one should save his soul even at the sacrifice of his wife and riches.
7. आपदार्थे धनं रक्षेच्छ्रीमतां कुत आपदः ।
कदाचिच्चलते लक्ष्मीःसंचितोऽपिविनश्यति ।।७।।
अर्थ – भविष्य में आने वाली मुसीबतों के लिए धन एकत्रित करें। ऐसा ना सोचें कि धनवान व्यक्ति को मुसीबत कैसी? जब धन साथ छोड़ता है तो संगठित धन भी तेजी से घटने लगता है।
Save your wealth against future calamity. Do not say, “What fear has a rich man, of calamity?” When riches begin to forsake one even the accumulated stock dwindles away.
Best Chanakya Niti Quotes in Hindi
8. यस्मिन् देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बान्धवः ।
न च विद्यागमऽप्यस्ति वासस्तत्र न कारयेत् ।।८।।
अर्थ – उस देश में निवास न करें जहाँ आपकी कोई इज्जत नहीं हो, जहाँ आप रोजगार नहीं कमा सकते, जहाँ आपका कोई मित्र नहीं और जहाँ आप कोई ज्ञान आर्जित नहीं कर सकते।
Do not inhabit a country where you are not respected, cannot earn your livelihood, have no friends, or cannot acquire knowledge.
9. धनिकः श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पञ्चमः ।
पञ्च यत्र न विद्यन्ते न तत्र दिवसं वसेत् ।।९।।
अर्थ – ऐसे जगह एक दिन भी निवास न करें जहाँ निम्नलिखित पाँच ना हो: एक धनवान व्यक्ति, एक ब्राह्मण जो वैदिक शास्त्रों में निपुण हो, एक राजा, एक नदी और एक चिकित्सक।
Do not stay for a single day where there are not these five persons: a wealthy man, a brahmin well versed in Vedic lore, a king, a river and a physician.
10. लोकयात्रा भयं लज्जा दाक्षिण्यं त्यागशीलता ।
पञ्च यत्र न विद्यन्ते न कुर्य्यात्तत्र सड्गतिम् ।।१०।।
अर्थ – बुद्धिमान व्यक्ति को ऐसे देश में कभी नहीं जाना चाहिए जहाँ पर रोजगार कमाने का कोई माध्यम ना हो, जहाँ लोगों को किसी बात का भय न हो, जहाँ लोगों को किसी बात की लज्जा न हो, जहाँ लोग बुद्धिमान न हो, और जहाँ लोगों की वृत्ति दान धरम करने की ना हो।
Wise men should never go into a country where there are no means of earning one’s livelihood, where the people have no dread of anybody, have no sense of shame, no intelligence, or a charitable disposition.
Super Chanakya Niti Quotes in Hindi
11. जानीयात् प्रेषणे भृत्यान् बान्धवान् व्यसनागमे ।
मित्रं चापत्तिकाले तु भार्यां च विभवक्षये ।।११।।
अर्थ – नौकर की परीक्षा तब करें जब वह कर्त्तव्य का पालन न कर रहा हो, रिश्तेदार की परीक्षा तब करें जब आप मुसीबत में घिरें हों, मित्र की परीक्षा विपरीत परिस्थितियों में करें और जब आपका वक्त अच्छा न चल रहा हो तब पत्नी की परीक्षा करें।
Examine the servant when he is not performing his duty, Examine relatives when you are in trouble, Test your friend in adverse circumstances, And when your time is not going well, then test your wife.
राजद्वारे श्मशाने च यस्तिष्ठति स बान्धवः ।।१२।।
अर्थ – अच्छा मित्र वही है जो हमें निम्नलिखित परिस्थितियों में नहीं त्यागे: आवश्यकता पड़ने पर, किसी दुर्घटना पड़ने पर, जब अकाल पड़ा हो, जब युद्ध चल रहा हो, जब हमें राजा के दरबार में जाना पड़े, और जब हमें शमशान घाट जाना पड़े।
He is a true friend who does not forsake us in time of need, misfortune, famine, or war, in a king’s court, or at the graveyard.
13. यो ध्रुवाणि परित्यज्य अध्रुवं परिषेवते ।
ध्रुवाणि तस्य नश्यन्ति अध्रुवं नष्टमेव हि ।।१३।।
अर्थ – जो व्यक्ति किसी नाशवंत चीज के लिए कभी नाश नहीं होने वाली चीज को छोड़ देता है, तो उसके हाथ से अविनाशी वस्तु तो चली ही जाती है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि नाशवान को भी वह खो देता है।
He who gives up what is imperishable for that which is perishable, loses that which is imperishable; and doubtlessly loses that which is perishable also.
Super Chanakya Niti Quotes in Hindi
14. वरयेत्कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम् ।
रूपशीलां न नीचस्य विवाहः सद्रॄशे कुले ।।१४।।
अर्थ – एक बुद्धिमान व्यक्ति को किसी इज्जतदार घर की अविवाहित कन्या से किस वयंग होने के बावजूद भी विवाह करना चाहिए। उसे किसी हीन घर की अत्यंत सुन्दर स्त्री से भी विवाह नहीं करनी चाहिए। शादी-विवाह हमेशा बराबरी के घरो में ही उचित होता है।
A wise man should marry a virgin of a respectable family even if she is deformed. He should not marry one of a low-class family, through beauty. Marriage in a family of equal status is preferable.
15. नदीनां शस्त्रपाणीनां नखीनां श्रृड्गिणां तथा ।
विश्वासो नैव कर्तव्यः स्त्रीषुराजकुलेषु च ।।१५।।
अर्थ – इन 5 पर कभी विश्वास ना करें : 1. नदियाँ, 2. जिन व्यक्तियों के पास अश्त्र-शस्त्र हों, 3. नाख़ून और सींग वाले पशु, 4. औरतें 5. राज घरानों के लोगों पर।
Do not put your trust in rivers, men who carry weapons, beasts with claws or horns, women, and members of a royal family.
16. विषादप्यमृतं ग्राह्यममेध्यादपि काञ्चनम् ।
नीचादप्युत्तमां विद्यांस्त्रीरत्नं दुष्कुलादपि ।।१६।।
अर्थ – अगर हो सके तो विष में से भी अमृत निकाल लें, यदि सोना गन्दगी में भी पड़ा हो तो उसे उठाएँ, धोएँ और अपनाएँ, निचले कुल में जन्म लेने वाले से भी सर्वोत्तम ज्ञान ग्रहण करें। उसी तरह यदि कोई बदनाम घर की कन्या भी महान गुणों से सम्पन्न है और आपको कोई सीख देती है तो ग्रहण करें।
Even from poison extract nectar, wash and take back gold if it has fallen in filth, receive the highest knowledge from a low born person; so also a girl possessing virtuous qualities even if she were born in a disreputable family.
Chanakya Niti Quotes…
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