Gyanvardhak Story On Helping Everyone In Hindi
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निःस्वार्थ भाव से सहायता करें एक ज्ञानवर्धक कहानी… एक आदमी दुकानदार के पास गया और पूछा मुझे केले और सेब चाहिए। दुकानदार ने उस उस के प्रश्न का जवाब देते हुए का केले ₹20/- दर्जन और सेब ₹100/- किलो। ग्राहक सेबों एवं केलों की quality check कर ही रहा था कि, इतने में एक गरीब औरत उस दुकान में आई और बोली मुझे एक किलो सेब और एक दर्जन केले चाहिए क्या भाव है? (Gyanvardhak Story On Helping Everyone In Hindi)
दुकानदार ने कहा, केले ₹10/- और सेब 30/- किलो।
इतना सुनकर वह औरत खुश हो गई और दुकानदार से कहा दोनों एक-एक किलो ले दीजिए।
पास ही खड़ा ग्राहक जो पहले से उस दुकान आया हुआ था वह दुकानदार को बड़ी-बड़ी निगाहों से देखा था औऱ न जाने उस दुकानदार के बारे में क्या-क्या सोच रहा था, इतने में दुकानदार ने उसे थोड़ा wait करने का इशारा किया।
Gyanvardhak Story On Helping Everyone In Hindi
औरत खुश होकर दुकान से निकलते हुए बोली, है ईश्वर तेरा बहुत-बहुत शुक्र है आज मेरे बच्चों को फल खा कर बहुत खुशी होगी।उस औरत के जाने के थोड़ी देर बाद दुकानदार ने पहले से मौजूद ग्राहक को देखते हुए कहा, भाई साहब ईश्वर साक्षी है कि, मैंने आपको कोई धोखा नहीं दिया है। वह महिला जो मेरे पास से सेब और केले ले गई और मैंने आप से कम दाम में इसलिए दिए क्योंकि वह एक विधवा महिला है जो चार अनाथ बच्चों की माँ है और वह किसी से भी मदद लेने को तैयार नहीं है।
मैंने कई बार अलग-अलग तरीकों से इसकी सहायता करने की कोशिश की लेकिन मैं असफल रहा। तब मुझे यह idea आया कि, जब कभी औरत मेरी दुकान पर आए तो मैं इसकी कुछ सहायता कर सकूँ, इसलिए मैंने उसे फल कम दाम में देकर उसकी तथा उसके परिवार की सहायता की है। मैं चाहता हूँ कि, उसे पता भी नहीं चले और मैं उसकी मदद भी कर दूँ। मैं इस तरह से लोगों की सहायता करके अपने दिल का बोझ हल्का कर लेता हूँ क्योंकि आज अगर मैं किसी की सहायता करूंगा तो समय पड़ने पर लोग मेरी भी सहायता जरुर करेंगे।
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थोड़ी देर बाद दुकानदार बोला: यह औरत सप्ताह में एक बार मेरी दुकान पर आती है, ईश्वर साक्षी है जब भी यह महिला मेरी दुकान पर आती है उस दिन मेरी दुकान की बिक्री बहुत बढ़ जाती है, शायद ईश्वर भी इस प्रकार मेरी सहायता करता है, इतना सुनकर पास खड़े ग्राहक की आँखों में आँसू आ गए और वह खुश हो गया और उससे कहा कि, दुनिया में आज भी कुछ ऐसे ईश्वर के बंदे हैं, जो इस ज़माने में भी इंसानियत पर भरोसा रखते हैं। वह बिना किसी शिकायत के एक दर्जन केले और एक किलो सेब लेकर खुशी-खुशी अपने घर चला गया।
Moral of the story: if you want to spread happiness, you will always find a way to do this.
अगर आप खुशी बाँटना चाहते हैं तो आपको कोई न कोई रास्ता मिल ही जाएगा।
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