How to Think different for any Problem in Hindi (Samasyaon ke Samadhaan ke liye Alag sochein)
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आज की अच्छी कहानी… एक Car Company को अपने Loss से बचने के लिए एक World Class Car Design की जरुरत थी और इस काम के लिए उन्होंने एक Engineer को Appoint किया। उसने एक अच्छा सा Design तैयार किया और Company के मालिक ने उसे तुरंत Approval भी दे दिया, क्योंकि Car का Design बहुत ही शानदार था और Company में सभी को पसंद भी आया था। Car को Design के साथ-साथ Features भी अच्छे होने चाहिए थे क्योंकि ऐसी Car कोई नहीं खरीदना चाहता जिसमें कोई अच्छा फीचर न हों। छ: महीनों की मेहनत के बाद Engineer ने उसका First मॉडल भी तैयार कर लिया। How to Think different for any Problem in Hindi
लेकिन First Testing के Time उन्हें Realize हुआ कि, Car का मॉडल थोडा सा ऊँचा था जिस वजह से वो Car Company के शटर से बहार नहीं आ पा रही थी। Car की ऊँचाई शटर से 3-4 Inch ज्यादा थी. Engineer ये जान कर बड़ी सोच में पड़ गया कि, इस Problem का Solution कैसे निकले? उसने ये बात Car Company के मालिक को बताई. उन्होंने मिल कर इसके दो उपाय सोचे-
First Solution:-
पहली बार जब Car को गेट से बाहर निकलते समय जो Scratches, Bumps और कोई बड़ा नुकसान होगा उसे Car को बाहर निकलने के बाद कर लिया जाएगा। हालाँकि इसमें खर्चा कम नहीं आने वाला था क्योंकि Car को दोबारा से Painting Section में भेजना पड़ता। फिर भी उनको इस बात से डर था कि, Car की Beauty पहले जैसी रहेगी या नहीं।
Second Solution:- How to Think different in Hindi for any Problem
Company के General मैनेजर ने सलाह दी कि, Car की बजाए गेट को ही हटा देना चाहिए और Car निकलने के बाद इसे दोबारा से लगवा देंगे।
ये बात Company के बाहर खड़ा Gate Keeper सुन रहा था. उसने झिझकते हुए कहा कि, अगर आप मुझे एक मौका दें तो मैं कुछ सलाह दूँ। Company के मैनेजर ने उसे बेमन से सलाह देने को कहा।
Gate Keeper ने कहा कि, मालिक Car के चारों पहियों की हवा निकाल दीजिए Car की ऊँचाई 3-4 Inch कम हो जाएगी और Car आराम से Company के शटर से बाहर आ जाएगी…
इस प्रकार ये Problem Solve हुई और Car की Testing पूरी हुई। 6 Months बाद Car की Market में Selling Start हुई और Car जल्दी ही Hit हो गई. जिससे Company को हुआ Loss पूरा हो गया। केवल एक छोटी और अच्छी Advice से। दोस्तों इससे पता चलता है कि Problem चाहे बड़ी हो या छोटी हर Problem का Solution जरूर होता है और कोई भी व्यक्ति छोटा या बड़ा नहीं होता उस के काम करने का तरीका जरूर छोटा या बड़ा हो सकता है।
Bottomline: हमेशा किसी Problem को वैसे नहीं देखना चाहिए जैसे एक Expert देखता है कभी-कभी Out Of the way जा कर भी उस Problem का हल मिल जाता है।
ज़िन्दगी के लिए इस कहानी से सबक:
इस Story की तरह हमें कभी-कभी किसी दोस्त के घर का दरवाज़ा भी छोटा लगने लगता है और हम उस से मिलना भी छोड़ देते हैं क्योंकि हमारे अन्दर भी Ego रूपी हवा भरी होती है। उस हवा को निकाल दीजिए फिर कोई भी दरवाज़ा हमारे लिए छोटा नहीं पड़ेगा। क्योंकि ऊँचा वही उठता है जो हल्का होता है।
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