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Indus Valley Civilization in Hindi Indian History Part-2

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Indian History part 2: Indus Valley Civilization in Hindi 

आपको याद होगा हमने आपको पहले भी history के बारे एक article के through बताया था जिसमें sources of history के बारे में बताया गया था. आज हम आपको दुनिया की सबसे पहली और विशाल सभ्यता के बारे में बताने जा रहे हैं. जिन्होंने history का first part नहीं पढ़ा वे यहाँ click कर के first part को भी पढ़ लें… Indus Valley Civilization in Hindi Indian History Part-2

मानव हमेशा से वहीं बसता है जहाँ पीने के लिए साफ़ जल, खाने के लिए भरपूर भोजन और निवास के लिए सही और secure जगह होती है और नदियों के किनारे इन तीन आवश्यकताओं की पूर्ति आसानी से हो जाती है

इसलिए इन सभी सभ्यताओं को नदी घाटी सभ्यता भी कहते हैं… इनमें Africa के north east की मिश्र की सभ्यता सबसे पुरानी है जो कि, नील नदी के किनारे विकसित हुई थी और दूसरी है मेसोपोटामिया की सभ्यता जिसका मतलब है दो नदियों के बीच की भूमि और ये दो नदियाँ हैं दजला और फरात अब ये जगह Iraq और Iran में है/ तीसरी है चीन की सभ्यता इस civilization कि starting चीन की ह्वांग नदी के किनारे हुआ था चौथी सभ्यता थी सिन्धु घाटी सभ्यता ( Indus valley civilization ) जिसका विकास आज से 4,500 साल पहले हुआ अब इसका कुछ हिस्सा पाकिस्तान में है

sindhu ghati sabhyata ke bare me vistrit jankari…

लाखों सालों में अनुभव से इंसान ने सीख लिया था कि, मिट्टी में बीज डालने से पौधे उग जाते हैं और नदियों के आसपास की मिट्टी अधिक उपजाऊ होती है, नाव की सहायता से नदियों की यात्रा करना भी सीख लिया था और लगभग 7,000 साल पहले ताम्बे की खोज हुई जिससे मानव जीवन हमेशा के लिए बदल गया ताम्बे के प्रचलन के कारण ही Indus Valley Civilization को ताम्रपाषण काल भी कहा जाता है

सिन्धु घाटी सभ्यता की खोज: origin

1921 में दयाराम साहनी ने हड़प्पा सभ्यता की खोज की इन सभ्यता की खुदाई में बर्तन (utensils), मूर्ति (statue), खिलौने (toys), सिक्के (coins), औज़ार (tools) और घरेलु उपयोग की वस्तुएँ (domestic things) आदि मिली हैं सिन्धु घाटी सभ्यता मिश्र की सभ्यता से 20 गुना बड़ी थी. मोहन्जोधारो, हड़प्पा, रोपड़ (Punjab), रंगपुर, लोथल, कालीबंगा, धोलिबीरा  (Gujarat), दैमाबाद (महाराष्ट्र ), आलमगीरपुर, हमास (up) आदि इस सभ्यता के कुछ प्रमुख स्थल थे

हड़प्पा की सबसे बड़ी विशेषता थी यहाँ की नगर प्रणाली इनका सुरक्षित स्थान दुर्ग या किला था जिसमें high society के लोग रहते थे और नगर के निचले भाग में middle class लोग रहते थे, सड़कें सीधी थीं और इनके नगर खण्डों में divided थे जैसे आज भी होते हैं हड़प्पा और कालीबंगा  में अनाज भरने के गोदाम मिले हैं

मोहिंजोधारो:

यहाँ पर एक विशाल स्नानघर पाया गया है जिसकी 11.88 M लम्बाई और 7.01 M चौड़ाई और 2.43 M गहराई है इसके दोनों सिरों तक सीढ़ियाँ बनी हैं और बगल में कपड़े बदलने का स्थान है स्नानघर पक्की ईंटों से बना है, पास ही एक कमरे में कुआँ बना है, इसके अलावा भी लगभग सभी घरों में आँगन और कुआँ बना हुआ थाmohinjodharo और hadappa में पानी की निकासी का प्रबंध बहुत ही अच्छा था पानी घरों से निकलकर नालियों में जाता था जो पक्की ईंटों से बनी हुई थी, नालियों की सफाई के लिए main hole भी बने हुए हैं, दुनिया की किसी और सभ्यता में सफाई का ऐसा प्रबंध देखने को नहीं मिला

कृषि और पशुपालन:

सिन्धु नदी के आसपास के मैदान बहुत उपजाऊ थे जो किसी भी तरह की फसल के लिए better थे hadappa के लोग गेहुँ, जौं, सरसों, कपास, मटर, टिल आदि फसलें उगाते थे, kalibanga में जो खेत पाए गए हैं उस से साफ़-साफ़ पता चलता है कि, उनका farming का तरीका भी आज की तरह ही था. हड़प्पा में गाय बैल, बकरी, खरगोश, मोर, हिरन, मुर्गा, तोता, उल्लू आदि जानवरों के प्रमाण मिले हैं, इनमें से कुछ पशुओं के चित्र हड़प्पा सभ्यता की मुद्राओं (coins) पर मिले हैं

हड़प्पा के लोगों ने दुनिया में सबसे पहले कपास का उत्पादन किया था mohinjodharo में सूती कपड़े का एक टुकड़ा मिला है जिस से पता चलता है कि, वहाँ पर कपड़ों का भी उत्पादन हुआ था इस से हम idea लगा सकते हैं कि, ये दोनों सभ्यताएँ अपने समय से बहुत आगे थीं

शिल्प का तकनीकी ज्ञान:

हड़प्पा में सबसे अधिक काँसे का काम होता था यह कन्स्युगीन भी कहलाती है, ताम्बे में जिंक और टिन मिलकर काँसा बनाया जाता था, काँसा ताम्बे से अधिक मजबूत होता है, खुदाई में मिले औजारों से पता चलता है कि, यहाँ के लोगों को metals का भी अच्छा ज्ञान था, ये धातुओं को गलाने, ढालने और सम्मिश्रण की कला में उन्नत थे

धार्मिक मान्यताएँ:

हड़प्पा में किसी भी मंदिर या देवालय के प्रमाण नहीं मिले, बल्कि पकी हुई मिटटी की स्त्री अधिक संख्या में मिली हैं, इस से अनुमान लगाया गया है कि, वहाँ देवी की पूजा होती होगी, पीपल के पेड़ की पूजा के प्रमाण मिले हैं, और scientifically prove भी हो चुका है क्योंकि पीपल का पेड़ 24 घंटे oxygen देता है

लिपि:

हड़प्पा के लोगों को writing और words का भी ज्ञान था, ऐसा माना जाता है कि, उनकी लिपि चित्रलिपि (pictorial) थी जिसे आज तक समझा नहीं जा सका और उनको मापतौल का भी ज्ञान था क्योंकि खुदाई में बाँट rulers भी मिले हैं हड़प्पा की मोहरो में उनकी first class कलाकृति (inscription) का example देखने को मिलता है, लगभग 50,000 coins मिल चुके हैं

हड़प्पा का पतन (downfall):

हालाँकि hadappa civilization का end अभी तक एक राज़ है भी तक इस बात पर discuss चलता है कि, इतने बड़े भवन ज़मीन के नीचे कैसे दब गए…? लेकिन बहुत से खोजकर्ता भूकंप को इसका कारण मानते हैं, भूकंप के कारण सिन्धु नदी ने अपना मार्ग बदल लिया होगा और से अधिक पानी  के कारण होने वाला भूस्खलन (avalanches) से ज़मीन के अन्दर लोप हो गया कुछ वैज्ञानिक वर्षा की कमी को इनकी समाप्ति का कारण मानते हैं, वर्षा की कमी और बढ़ते हुए रेगिस्तान के कारण खेती और पशुपालन पर बुरा असर पड़ा होगा जिससे हड़प्पा का पतन हो गया और कुछ लोगों का मानना है कि, बहुत बड़ी बाड़ के कारण सब कुछ नष्ट हो गया होगा

Here are some facts about indusvalley civilization:

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