Short Story On Helping Others In Hindi with Moral

Short Story On Helping Others In Hindi with Moral
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Short Story On Helping Others in hindiShort Story On Helping Others In Hindi (Help Everyone selflessly in Hindi निस्वार्थ सबकी सहायता करें)

एक पाँच-छ: साल का मासूम सा बच्चा अपनी छोटी बहन को लेकर चर्च के एक तरफ कोने में बैठा हाथ जोडकर ईश्वर से न जाने क्या माँग रहा था? कपड़े में मैल लगा हुआ था मगर निहायत साफ, उसके नन्हे-नन्हे से गाल आँसूओं से भीग चुके थे। बहुत लोग उसकी तरफ आकर्षित थे और वह बिल्कुल अनजान अपने ईश्वर से बातों में लगा हुआ था। Short Story On Helping Others In Hindi

जैसे ही वह उठा एक अजनबी ने बढ़ के उसका नन्हा सा हाथ पकड़ा और पूछा : –

“क्या माँगा तुमने ईश्वर से”

उसने कहा : –

“मेरे पापा मर गए हैं उनके लिए स्वर्ग,

मेरी माँ रोती रहती है उनके लिए सब्र,

मेरी बहन माँ से कपड़े सामान मांगती है उसके लिए पैसे”..

फिर अजनबी मुसाफिर ने स्वाभाविक सा सवाल पूछा

“तुम स्कूल जाते हो”..?

बच्चे ने उसकी आँखों में देखते हुए जवाब दिया

हाँ जाता हूँ।

किस क्लास में पढ़ते हो? अजनबी ने पूछा…

नहीं अंकल पढ़ने नहीं जाता, माँ चने बना देती है वह स्कूल के बच्चों को बेचता हूँ। बहुत सारे बच्चे मुझसे चने खरीदते हैं, हमारा यही काम धंधा है। बच्चे का एक एक शब्द मेरी रूह में उतर रहा था ।

Moral Short Story On Helping Others In Hindi

फिर अजनबी ने पूछा…

“तुम्हारा कोई रिश्तेदार”

पता नहीं, माँ कहती है गरीब का कोई रिश्तेदार नहीं होता, माँ झूठ नहीं बोलती, पर अंकल, मुझे लगता है मेरी माँ कभी-कभी झूठ बोलती है, जब हम खाना खाते हैं हमें देखती रहती है। जब कहता हूँ.. माँ तुम भी खाओ, तो कहती है मैंने खा लिया था, उस समय लगता है झूठ बोलती है।

अब अजनबी को उस से बात करने में अपनापन लग रहा था… तो उसने फिर से पूछा।

बेटा अगर तुम्हारे घर का खर्च मिल जाए तो पढ़ाई करोगे ?

“बिल्कुल नहीं”

“क्यों” अजनबी ने फिर पूछा

पढ़ाई करने वाले, गरीबों से नफरत करते हैं अंकल, हमें किसी पढ़े हुए ने कभी नहीं पूछा – पास से गुजर जाते हैं।

अजनबी हैरान भी था और शर्मिंदा भी।

फिर उसने कहा,

“हर संडे  इसी चर्च  में आता हूँ,

कभी किसी ने नहीं पूछा – यहाँ सब आने वाले मेरे पिताजी को जानते थे – मगर हमें कोई नहीं जानता ।

Moral Story On Helping Others In Hindi

“बच्चा जोर-जोर से रोने लगा”

अंकल जब बाप मर जाता है तो सब अजनबी क्यों हो जाते हैं ? मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं था…

ऐसे कितने मासूम होंगे जो हसरतों से घायल हैं ।

बस एक कोशिश कीजिए और अपने आस-पास ऐसे ज़रूरतमंद यतीमों, बेसहाराओं को ढूंढिए और उनकी मदद कीजिए. किसी की एक बार बिना किसी स्वार्थ सहायता कर के तो देखिए आपको मन ही मन में ख़ुशी मिलेगी और आपके परिवार को लाखों दुआएँ…

चर्च, मंदिर व मस्जिद में सीमेंट या अन्न की बोरी देने से पहले अपने आस-पास किसी गरीब को देख लेना शायद उसको आटे की बोरी की ज्यादा जरुरत हो।

Short Story On Helping Others

किसी की सहायता करने का एक बार प्रयास जरूर कीजिए। अब कुछ लोग ये सोचेंगे कि, मुझे तो खुद ही सहायता ही जरुरत है मैं कैसे किसी की help कर सकता हूँ तो मैं उन लोगों से कहना चाहता हूँ, किसी की सहायता करने के लिए जरूरी नहीं है कि, आपके पास बहुत सारा पैसा हो आप का मन होना चाहिए आपके अन्दर help करने वाली feeling होनी चाहिए। जैसे आप किसी की सहायता के लिए उसे अपना थोड़ा सा time दे सकते हैं या किसी की पढ़ने में सहायता कर सकते हैं या छोटी-छोटी problems को दूर कर के भी आप अपनी life के superhero बन सकते हैं।

बस कुछ समय के लिए एक गरीब बेसहारा की आँख में आँख डालकर देखें, आपको क्या महसूस जाएगा।

फोटो या विडीयो भेजने की जगह ये मेसेज कम से कम एक बार share जरूर करें। प्रभु हमको और आप सभी को बहुत अपनी बरकतों से भर दे। प्रभु सदा आप सब की जिंदगी को खुशहाल रखे।

स्वयं में व समाज में बदलाव लाने के प्रयास जारी रखें।

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धन्यवाद !!!


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