The Secret Behind Shroud Of Turin In Hindi

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The Secret Behind Shroud Of Turin In HindiThe Secret Behind Shroud Of Turin In Hindi (क्या है श्राउड ऑफ़ टुरियन)

आज भी हमारी दुनिया रहस्यों से भरी पड़ी है Science की उन्नति के साथ ही हमने दुनिया के कई रहस्यों से पर्दा उठाया है। फिर भी विज्ञान और Technology की इस दुनिया में कुछ रहस्य ऐसे भी हैं जिन्हें शायद सुलझा पाना नामुमकिन है। The Secret Behind Shroud Of Turin In Hindi

आज के इस डेवलप्ड World में सबसे बड़ा सवाल यही है कि, क्या भगवान है? अगर भगवान् हैं तो वे कहाँ हैं और उनके होने का क्या सबूत हैं? भगवान् को मानने वाले आस्तिक और भगवान् को न मानने वाले नास्तिक में अक्सर इस सवाल को लेकर वाद-विवाद होता रहता है लेकिन आज भी हमें बहुत से कई सबूत देखने को मिलते हैं जो हमे ईश्वर को मानने पर मजबूर कर देते हैं। आज हम बात करेंगे ईसाई धर्म की सबसे पवित्र चीज़ श्राउड ऑफ़ टुरियन के बारे में जिसे ईसा मसीह को भगवान् होने का सबसे बड़ा Proof मन जाता है।

What Is Shroud Of Turin:

ईसाई धर्म के अनुसार Shroud Of Turian वही कफ़न है जिसे ईसा मसीह को मृत्यु के बाद दफ़न किया गया था और जीसस अपने भगवान् होने का यह सबूत दुनिया के लिए छोड़ गए। बाइबिल और ईसाई धर्म के अनुसार जीसस को क्रॉस पर Crucify करवा दिया गया था जिसके दौरान पहले तो उन्हें कोड़ों से मारा गया था और फिर उन्हें और दर्द पहुँचाने के लिए लकड़ी के क्रॉस पर लिटाकर उनके हाथों और पैरों पर कीलें ठोक दी गईं थी और उन्हें लकड़ी के Cross के साथ लटका दिया गया था।

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बाइबिल के अनुसार Crusification के बाद जब जीसस ने अपने प्राण त्याग दिए थे तब उन्हें पास के ही एक मकबरे में ले जाया गया था जहाँ उन्हें दफन किया जाना था। ऐसा करते समय उनके पूरे शरीर को Lenin के कपड़ों से ढक दिया गया था परन्तु दो दिनों के बाद Easter Sunday के दिन जीसस अपनी कब्र से उठ खड़े हुए और सिवाय Lenin के उस कपड़े के पूरा मकबरा खाली मिला और इस घटना ने पूरी दुनिया में एक नए धर्म को जन्म दिया जिसे बाद में ईसाई धर्म के नाम से जाना जाने लगा।

लेकिन Lenin का जो कपड़ा उस मकबरे में मिला वह आज भी एक रहस्य है क्योंकि उस कपड़े पर किसी व्यक्ति की हल्की और धुँधली आकृति दिखाई देती है। इस कपड़े को ध्यान से देखने पर यह साफ़-साफ़ पता चलता है कि, एक व्यक्ति काफी घायल हालत में लेटा हुआ है जिसके हाथों और पैरों पर घाव के निशाँ साफ़-साफ़ देखे जा सकते हैं।

 

The Secret Behind Shroud Of Turin Facts In Hindi

Crusification के बाद Jesus मर चुके हैं या नहीं इसकी पुष्टि करने के लिए Romans ने उनकी छाती के निचले हिस्से में भाले से मारा था जो धाव आज भी Shroud Of Turian में देखा जा सकता है। ईसाईयों का मानना है कि, यह जीसस ही हैं जो अपने भगवान् होने के यह सबूत छोड़ गए हैं। इस घटना के बाद यह कपड़ा Itlay के Turian के एक Cathedral में सम्भाल के रखा हुआ है जिसके कारण इसे Shroud Of Turian नाम मिला। 

Shroud के मिलने के बाद से ही ये एक विवाद का मुद्दा बना हुआ है और इस पर दुनिया भर के कई Researchers ने Research किया है। Research के दौरान यह पाया गया कि, इस कपड़े पर Letin और Greek भाषा के कई Letters मौजूद थे जिस से यह साबित होता है कि, Lenin का यह कपड़ा 2000 साल पुराना था परन्तु वर्ष 1988 में हुए एक C-14 Test ने उस कपड़े को झूठा साबित कर दिया। 3 वैज्ञानिकों की Team ने इस कपड़े के टुकड़े को काट कर इस पर C-14 नाम का एक Test किया गया और उसमें पता चला कि, यह कपड़ा वर्ष 1260 से 1390 के बीच उगाया गया था जिस से यह Result सामने आया कि, Jesus की मौत के कई सालों बाद बना यह Shroud नकली यानी Fake था और इस पर बनी हुई आकृति भी नकली थी।

Shroud Of Turin detail and Facts In Hindi

मुद्दा यहीं समाप्त नहीं होता, दो German Writers ने अपनी Book Conspiracy Of Jesus में यह बताया कि, C-14 नाम का Test सही था लेकिन जो कपड़ा Test के लिए दिया गया था वह Shroud Of Turian का नहीं था। किसी ने उन Samples को बदल दिया था। विशेषज्ञों ने बताया कि, कपड़ों के नमूनों को काटने के दौरान उस पूरे समय की विडियो रिकॉर्डिंग की गई थी जो पूरे 8 घंटे की थी लेकिन एक 8 घंटे की Video Clip में से 30 Min Cut कर दिए गए थे और इसी दौरान कपड़ों  के नमूनों से छेड़-छाड़ की गई थी। इस से यह सम्भावना जताई गई कि, जो कपड़ा Test में दिया गया था वो Shroud Of Turian का था ही नहीं।

 

तो इस प्रकार ये कभी साबित नहीं हो पाया कि, यह कपड़ा वही कपड़ा है जिसमें Jesus को लेटाया गया था। Jesus पर भरोसा करने वाले लोग आज भी इसे Real समझते हैं। आप Shroud Of Turin के बारे में क्या सोचते हैं हमें Comment में जरूर बताएँ।

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