How to Control Anger in Hindi

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How to Control Anger in HindiHow To Take Control On Anger In Hindi (क्रोध पर नियंत्रण कैसे पाएं?)

Change Yourself mentally: क्रोध और मेरे बीच तो बहुत पुरानी friendship है, हम दोनों एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे, क्रोध ने हमेशा मेरा साथ दिया जैसे मेरे प्रियजनों को मुझसे दूर करने में, किसी के दिल मे मेरी जगह कम करने में, चाहे कोई साथ हो या ना हो, मेरे साथ मेरा क्रोध ज़रूर था। How to Control Anger in Hindi)

लेकिन जब वक्त की चोट लगी तो खुद की हालत पर नज़र पड़ी, तो मैंने मेरे बाकी साथियों मेरा दिमाग, मेरी आत्मा, मेरी सोच की बात सुनी और उन्होंने यही कहा कि, क्रोध को काबू में कर लो, नहीं तो आज तो तुमने अपने साथियों को खोया है, एक समय के बाद खुद को खो दोगे।

तो फिर मैंने अपने आप से बात की और क्रोध से कहा कि, मैं तुम्हें छोडूंगा नहीं, लेकिन अब तुम पर नियंत्रण ज़रूर करूँगा, इसीलिए क्रोध को नियंत्रण करने के लिए मैंने कुछ step उठाए।

● मैंने अपने आप को छोड़कर बाकी सभी से किसी भी प्रकार की उम्मीद रखना छोड़ दिया, इससे ये हुआ कि मेरे, मेरे प्रियजनों से सम्बन्ध मधुर हुए और मैं मेरी ज़िन्दगी में होने वाली सभी घटनाओं का ज़िम्मेदार था, तो ना मुझे किसी पर अपने साथ होने वाली बुरी घटना का blame किया और ना ही मैं किसी से गुस्सा हुआ।

● बिना मांगे किसी को भी suggestion देना बंद कर दिया, मैं अपनी बात तभी रखता हूँ, जब कोई सुनने के mood में है, या कोई मेरा opinion जानना चाहता है, इससे ये होता है कि, आपके opinion से किसी को परेशानी नहीं होती, जिससे ना मत-भेद होता है और ना गुस्सा आता है।

How to Control Anger in Hindi (Krodh Shaant kaise karein)

● गुस्सा आने पर मेरे साथ भूतकाल में हुए प्रसंगों को याद किया, ऐसा करने पर अगले ही पल जी हाँ, अगले ही पल मेरा गुस्सा पहले से काफी शांत हुआ, क्योंकि हम सभी नहीं चाहते जो बुरी घटनाएँ हमारे साथ घटी हैं वो दुबारा घटित हो और इस डर से हम उस काम से दूरी बना लेते है।

– गुस्से से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में और जानने का प्रयास शुरू किया कि, कैसे किस तरह समय, आपके सम्बन्धों को तो जला देता है। इसके साथ-साथ हमें शारीरिक और मानसिक रूप से भी बीमार कर देता है; और जब हमें किसी भी चीज़ के बारे में उसके नुकसानों का पता होता तो हम या तो उसे control करते हैं, या उसको छोड़ने का मन बनाते है।

● बाकी लोगों की बातों को दिल पर लगाना छोड़ दिया, कोई व्यक्ति हमें कुछ कह देता है और तुरंत हम उस पर अपने emotions के ज़रिये जवाब देने लगते हैं। कोई भी ऐसी नकारात्मक बात जिससे आपको गुस्सा आने वाला हो, उसे importance ही ना दे, अगर वो आपके भले के लिए है तो उसे accept करें।

Change Yourself Physically

● सुबह और शाम को आँगन में टहले और खुद से बात करें, खुद को समझाएँ कि, गुस्सा करने के कितने नुकसान हैं। देखिए आप खुद सब जानते और समझते हैं कि, गुस्से के क्या side effects होते हैं, लेकिन हम solutions पर ध्यान देने के बजाए problems के बारे में अधिक सोचते रहते हैं, जिससे वो समस्या जैसी की तैसी ही रहती है और इस दुनिया में किसी भी समस्या का समाधान है खुद से बातचीत।

– गुस्से से निकली energy काफी तीव्र होती है, इसीलिए आप उस energy को किसी मानसिक या शारीरिक कार्य में खर्च करें। जैसे खेलने चले जाएँ या फिर आप पढ़ने बैठ सकते है, कुछ सीखने बैठ सकते है, हालाँकि ऐसा करना थोड़ा कठिन है लेकिन practice से ऐसा किया जा सकता है।

● इसके अलावा आप ध्यान और योग की भी सहायता ले सकते हैं, जिससे आपका मन एक जगह पर concentrate होगा। आप में control power develop होगी और extra बातों का आप पर असर नहीं होगा या कम होगा।

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