न चित्त्रै ॥ न मित्त्रै ॥ परे हैं ॥ पवित्त्रै ॥१०१॥
पृथीसै ॥ अदीसै ॥ अदृसै ॥ अकृसै ॥१०२॥
भगवती छंद ॥ त्व प्रसादि कथते ॥
कि आछिज्ज देसै ॥ कि आभिज्ज भेसै ॥
कि आगंज करमै ॥ कि आभंज भरमै ॥१०३॥
कि आभिज लोकै ॥ कि आदित सोकै ॥
कि अवधूत बरनै ॥ कि बिभूत करनै ॥१०४॥
कि राजं प्रभा हैं ॥ कि धरमं धुजा हैं ॥
कि आसोक बरनै ॥ कि सरबा अभरनै ॥१०५॥
कि जगतं कृती हैं ॥ कि छत्रं छत्री हैं ॥
कि ब्रहमं सरूपै ॥ कि अनभउ अनूपै ॥१०६॥
कि आदि अदेव हैं ॥ कि आपि अभेव हैं ॥
कि चित्त्रं बिहीनै ॥ कि एकै अधीनै ॥१०७॥
कि रोज़ी रज़ाकै ॥ रहीमै रिहाकै ॥
कि पाक बिऐब हैं ॥ कि गैबुल ग़ैब हैं ॥१०८॥
कि अफवुल गुनाह हैं ॥ कि शाहान शाह हैं ॥
कि कारन कुनिंद हैं ॥ कि रोज़ी दिहंद हैं ॥१०९॥
कि राज़क रहीम हैं ॥ कि करमं करीम हैं ॥
कि सरबं कली हैं ॥ कि सरबं दली हैं ॥११०॥
कि सरबत्त्र मानियै ॥ कि सरबत्त्र दानियै ॥
कि सरबत्त्र गउनै ॥ कि सरबत्त्र भउनै ॥१११॥
कि सरबत्त्र देसै ॥ कि सरबत्त्र भेसै ॥
कि सरबत्त्र राजै ॥ कि सरबत्त्र साजै ॥११२॥
कि सरबत्त्र दीनै ॥ कि सरबत्त्र लीनै ॥
कि सरबत्त्र जाहो ॥ कि सरबत्त्र भाहो ॥११३॥
कि सरबत्त्र देसै ॥ कि सरबत्त्र भेसै ॥
कि सरबत्त्र कालै ॥ कि सरबत्त्र पालै ॥११४॥
कि सरबत्त्र हंता ॥ कि सरबत्त्र गंता ॥
कि सरबत्त्र भेखी ॥ कि सरबत्त्र पेखी ॥११५॥
कि सरबत्त्र काजै ॥ कि सरबत्त्र राजै ॥
कि सरबत्त्र सोखै ॥ कि सरबत्त्र पोखै ॥११६॥
कि सरबत्त्र त्राणै ॥ कि सरबत्त्र प्राणै ॥
कि सरबत्त्र देसै ॥ कि सरबत्त्र भेसै ॥११७॥
कि सरबत्त्र मानियैं ॥ सदैवं प्रधानियैं ॥
कि सरबत्त्र जापियै ॥ कि सरबत्त्र थापियै ॥११८॥
कि सरबत्त्र भानै ॥ कि सरबत्त्र मानै ॥
कि सरबत्त्र इंद्रै ॥ कि सरबत्त्र चंद्रै ॥११९॥
कि सरबं कलीमै ॥ कि परमं फ़हीमै ॥
कि आकल अलामै ॥ कि साहिब कलामै ॥१२०॥
कि हुसनल वजू हैं ॥ तमामुल रुजू हैं ॥
हमेसुल सलामैं ॥ सलीखत मुदामैं ॥१२१॥
ग़नीमुल शिकसतै ॥ ग़रीबुल परसतै ॥
बिलंदुल मकानैं ॥ ज़मीनल ज़मानैं ॥१२२॥
तमीज़ुल तमामैं ॥ रुजूअल निधानैं ॥
हरीफुल अजीमैं ॥ रज़ाइक यकीनैं ॥१२३॥
अनेकुल तरंग हैं ॥ अभेद हैं अभंग हैं ॥
अज़ीज़ुल निवाज़ हैं ॥ ग़नीमुल ख़िराज हैं ॥१२४॥
निरुकत सरूप हैं ॥ तृमुकति बिभूति हैं ॥
प्रभुगति प्रभा हैं ॥ सु जुगति सुधा हैं ॥१२५॥
सदैवं सरूप हैं ॥ अभेदी अनूप हैं ॥
समसतोपराज हैं ॥ सदा सरब साज हैं ॥१२६॥
समसतुल सलाम हैं ॥ सदैवल अकाम हैं ॥
नृबाध सरूप हैं ॥ अगाध हैं अनूप हैं ॥१२७॥
ओअं आदि रूपे ॥ अनादि सरूपे ॥
अनंगी अनामे ॥ तृभंगी तृकामे ॥१२८॥
तृबरगं तृबाधे ॥ अगंजे अगाधे ॥
सुभं सरब भागे ॥ सु सरबा अनुरागे ॥१२९॥
तृभुगत सरूप हैं ॥ अछिज्ज हैं अछूत हैं ॥
कि नरकं प्रणास हैं ॥ पृथीउल प्रवास हैं ॥१३०॥
निरुकति प्रभा हैं ॥ सदैवं सदा हैं ॥
बिभुगति सरूप हैं ॥ प्रजुगति अनूप हैं ॥१३१॥
निरुकति सदा हैं ॥ बिभुगति प्रभा हैं ॥
अनउकति सरूप हैं ॥ प्रजुगति अनूप हैं ॥१३२॥
चाचरी छंद ॥
अभंग हैं ॥ अनंग हैं ॥ अभेख हैं ॥ अलेख हैं ॥१३३॥
अभरम हैं ॥ अकरम हैं ॥ अनादि हैं ॥ जुगादि हैं ॥१३४॥
अजै हैं ॥ अबै हैं ॥ अभूत हैं ॥ अधूत हैं ॥१३५॥
अनास हैं ॥ उदास हैं ॥ अधंध हैं ॥ अबंध हैं ॥१३६॥
अभगत हैं ॥ बिरकत हैं ॥ अनास हैं ॥ प्रकास हैं ॥१३७॥
निचिंत हैं ॥ सुनिंत हैं ॥ अलिक्ख हैं ॥ अदिक्ख हैं ॥१३८॥
अलेख हैं ॥ अभेख हैं ॥ अढाह हैं ॥ अगाह हैं ॥१३९॥
असंभ हैं ॥ अगंभ हैं ॥ अनील हैं ॥ अनादि हैं ॥१४०॥
अनित्त हैं ॥ सु नित्त हैं ॥ अजात हैं ॥ अजादि हैं ॥१४१॥
चरपट छंद ॥ त्व प्रसादि ॥
सरबं हंता ॥ सरबं गंता ॥
सरबं खिआता ॥ सरबं गिआता ॥१४२॥
सरबं हरता ॥ सरबं करता ॥
सरबं प्राणं ॥ सरबं त्राणं ॥१४३॥
सरबं करमं ॥ सरबं धरमं ॥
सरबं जुगता ॥ सरबं मुकता ॥१४४॥
रसावल छंद ॥ त्व प्रसादि ॥
नमो नरक नासे ॥ सदैवं प्रकासे ॥
अनंगं सरूपे ॥ अभंगं बिभूते ॥१४५॥
प्रमाथं प्रमाथे ॥ सदा सरब साथे ॥
अगाध सरूपे ॥ नृबाध बिभूते ॥१४६॥
अनंगी अनामे ॥ तृभंगी तृकामे ॥
नृभंगी सरूपे ॥ सरबंगी अनूपे ॥१४७॥
न पोत्रै न पुत्रै ॥ न सत्त्रै न मित्रै ॥
न तातै न मातै ॥ न जातै न पातै ॥१४८॥
नृसाकं सरीक हैं ॥ अमितो अमीक हैं ॥
सदैवं प्रभा हैं ॥ अजै हैं अजा हैं ॥१४९॥
भगवती छंद ॥ त्व प्रसादि ॥
कि ज़ाहर ज़हूर हैं ॥ कि हाज़र हज़ूर हैं ॥
हमेसुल सलाम हैं ॥ समसतुल कलाम हैं ॥१५०॥
कि साहिब दिमाग़ हैं ॥ कि हुसनल चराग़ हैं ॥
कि कामल करीम हैं ॥ कि राज़क रहीम हैं ॥१५१॥
कि रोज़ी दिहिंद हैं ॥ कि राज़क रहिंद हैं ॥
करीमुल कमाल हैं ॥ कि हुसनल जमाल हैं ॥१५२॥
ग़नीमुल ख़िराज हैं ॥ ग़रीबुल निवाज़ हैं ॥
हरीफ़ुल शिकंन हैं ॥ हिरासुल फिकंन हैं ॥१५३॥
कलंकं प्रणास हैं ॥ समसतुल निवास हैं ॥
अगंजुल गनीम हैं ॥ रजाइक रहीम हैं ॥१५४॥
समसतुल जुबाँ हैं ॥ कि साहिब किराँ हैं ॥
कि नरकं प्रणास हैं ॥ बहिसतुल निवास हैं ॥१५५॥
कि सरबुल गवंन हैं ॥ हमेसुल रवंन हैं ॥
तमामुल तमीज हैं ॥ समसतुल अजीज हैं ॥१५६॥
परं परम ईस हैं ॥ समसतुल अदीस हैं ॥
अदेसुल अलेख हैं ॥ हमेसुल अभेख हैं ॥१५७॥
ज़मीनुल ज़मा हैं ॥ अमीकुल इमा हैं ॥
करीमुल कमाल हैं ॥ कि जुरअति जमाल हैं ॥१५८॥
कि अचलं प्रकास हैं ॥ कि अमितो सुबास हैं ॥
कि अजब सरूप हैं ॥ कि अमितो बिभूत हैं ॥१५९॥
कि अमितो पसा हैं ॥ कि आतम प्रभा हैं ॥
कि अचलं अनंग हैं ॥ कि अमितो अभंग हैं ॥१६०॥
मधुभार छंद ॥ त्व प्रसादि ॥
मुनि मनि प्रनाम ॥ गुनि गन मुदाम ॥
अरि बर अगंज ॥ हरि नर प्रभंज ॥१६१॥
अनगन प्रनाम ॥ मुनि मनि सलाम ॥
हरि नर अखंड ॥ बर नर अमंड ॥१६२॥
अनभव अनास ॥ मुनि मनि प्रकास ॥
गुनि गन प्रनाम ॥ जल थल मुदाम ॥१६३॥
अनछिज्ज अंग ॥ आसन अभंग ॥
उपमा अपार ॥ गति मिति उदार ॥१६४॥
जल थल अमंड ॥ दिस विस अभंड ॥
जल थल महंत ॥ दिस विस बिअंत ॥१६५॥
अनभव अनास ॥ धृत धर धुरास ॥
आजान बाहु ॥ एकै सदाहु ॥१६६॥
ओअंकार आदि ॥ कथनी अनादि ॥
खल खंड खिआल ॥ गुर बर अकाल ॥१६७॥
घर घरि प्रनाम ॥ चित चरन नाम ॥
अनछिज्ज गात ॥ आजिज न बात ॥१६८॥
अनझंझ गात ॥ अनरंज बात ॥
अनटुट भंडार ॥ अनठट अपार ॥१६९॥
आडीठ धरम ॥ अति ढीठ करम ॥
अणब्रण अनंत ॥ दाता महंत ॥१७०॥
हरिबोलमना छंद ॥ त्व प्रसादि ॥
करुणालय हैं ॥ अरि घालय हैं ॥
खल खंडन हैं ॥ महि मंडन हैं ॥१७१॥
जगतेस्वर हैं ॥ परमेस्वर हैं ॥
कलि कारण हैं ॥ सरब उबारण हैं ॥१७२॥
धृत के ध्रण हैं ॥ जग के क्रण हैं ॥
मन मानिय हैं ॥ जग जानिय हैं ॥१७३॥
सरबं भर हैं ॥ सरबं कर हैं ॥
सरब पासिय हैं ॥ सरब नासिय हैं ॥१७४॥
करुणाकर हैं ॥ बिस्वंभर हैं ॥
सरबेस्वर हैं ॥ जगतेस्वर हैं ॥१७५॥
ब्रहमंडस हैं ॥ खल खंडस हैं ॥
पर ते पर हैं ॥ करुणाकर हैं ॥१७६॥
अजपा जप हैं ॥ अथपा थप हैं ॥
अकृता कृत हैं ॥ अंमृता मृत हैं ॥१७७॥
अमृता मृत हैं ॥ करणा कृत हैं ॥
अकृता कृत हैं ॥ धरणी धृत हैं ॥१७८॥
अमितेस्वर हैं ॥ परमेस्वर हैं ॥
अकृता कृत हैं ॥ अमृता मृत हैं॥१७९॥
अजबा कृत हैं ॥ अमृता अमृत हैं ॥
नर नाइक हैं ॥ खल घाइक हैं ॥१८०॥
बिस्वंभर हैं ॥ करुणालय हैं ॥
नृप नाइक हैं ॥ सरब पाइक हैं ॥१८१॥
भव भंजन हैं ॥ अरि गंजन हैं ॥
रिपु तापन हैं ॥ जपु जापन हैं ॥१८२॥
अकलं कृत हैं ॥ सरबा कृत हैं ॥
करता कर हैं ॥ हरता हरि हैं ॥१८३॥
परमातम हैं ॥ सरबातम हैं ॥
आतम बस हैं ॥ जस के जस हैं ॥१८४॥
भुजंग प्रयात छंद ॥
नमो सूरज सूरजे नमो चंद्र चंद्रे ॥
नमो राज राजे नमो इंद्र इंद्रे ॥
नमो अंधकारे नमो तेज तेजे ॥
नमो बृंद बृंदे नमो बीज बीजे ॥१८५॥
नमो राजसं तामसं साँत रूपे ॥
नमो परम तत्तं अतत्तं सरूपे ॥
नमो जोग जोगे नमो गिआन गिआने ॥
नमो मंत्र मंत्रे नमो धिआन धिआने ॥१८६॥
नमो जुध जुधे नमो गिआन गिआने ॥
नमो भोज भोजे नमो पान पाने ॥
नमो कलह करता नमो साँत रूपे ॥
नमो इंद्र इंद्रे अनादं बिभूते ॥१८७॥
कलंकार रूपे अलंकार अलंके ॥
नमो आस आसे नमो बाँक बंके ॥
अभंगी सरूपे अनंगी अनामे ॥
तृभंगी तृकाले अनंगी अकामे ॥१८८॥
एक अछरी छंद ॥
अजै ॥ अलै ॥ अभै ॥ अबै ॥१८९॥
अभू ॥ अजू ॥ अनास ॥ अकास ॥१९०॥
अगंज ॥ अभंज ॥ अलक्ख ॥ अभक्ख ॥१९१॥
अकाल ॥ दिआल ॥ अलेख ॥ अभेख ॥१९२॥
अनाम ॥ अकाम ॥ अगाह ॥ अढाह ॥१९३॥
अनाथे ॥ प्रमाथे ॥ अजोनी ॥ अमोनी ॥१९४॥
न रागे ॥ न रंगे ॥ न रूपे ॥ न रेखे ॥१९५॥
अकरमं ॥ अभरमं ॥ अगंजे ॥ अलेखे ॥१९६॥
भुजंग प्रयात छंद ॥
नमसतुल प्रनामे समसतुल प्रणासे ॥
अगंजुल अनामे समसतुल निवासे ॥
नृकामं बिभूते समसतुल सरूपे ॥
कुकरमं प्रणासी सुधरमं बिभूते ॥१९७॥
सदा सच्चिदानंद सत्त्रं प्रणासी ॥
करीमुल कुनिंदा समसतुल निवासी ॥
अजाइब बिभूते गजाइब गनीमे ॥
हरीअं करीअं करीमलु रहीमे ॥१९८॥
चत्त्र चक्क्र वरती चत्त्र चक्क्र भुगते ॥
सुयंभव सुभं सरबदा सरब जुगते ॥
दुकालं प्रणासी दिआलं सरूपे ॥
सदा अंग संगे अभंगं बिभूते ॥१९९॥
भाषा भेद के कारण (Jaapji Sahib in Hindi) का 100 प्रतिशत शुद्ध उच्चारण तो नहीं किया जा सकता, लेकिन यदि आप जपजी साहिब पाठ की विडिओ के साथ जपजी साहिब पढ़ेंगे तो अवश्य ही छोटी-छोटी कमियाँ जो रह गई हैं, उनसे भी परिचित हो जाएंगे।
वाहेगुरु जी का खालसा,
वाहेगुरु जी की फ़तह
Tags :
Jaap Sahib in Hindi PDF download, Jaap Sahib Path Hinglish Download, Jaap Sahib Pdf 2022 ਅਰਦਾਸ Pdf In Hindi Download, Japji Sahib Jaap Sahib PDF,
Jaap Sahib in Hindi PDF download, Jaap Sahib Path Hindi Download, Jaap Sahib Pdf 2022, अरदास Pdf In Hindi Download Japji Sahib Jaap Sahib PDF, Jaap Sahib Path Pdf Download, Jaap Sahib Path Pdf In Hindi Download, Jaap Sahib Path Pdf 2022, जपजी साहिब Pdf In Hindi Download, Jaap Sahib path pdf in Hindi, Jaap Sahib path pdf in Hindi, Jaap Sahib path pdf in Hindi, Jaap Sahib path pdf in Hindi download, Jaap Sahib path pdf sikhnet, Jaap Sahib path pdf Hindi, download Jaap Sahib path pdf, free download Jaap Sahib path pdf, Jaap Sahib path pdf download, ਜਪੁਜੀ ਸਾਹਿਬ पीडीऍफ़,
Jaap Sahib in Hindi, Jaap Sahib in Hindi download, Jaap Sahib pdf, Jaap Sahib pdf, Jaap Sahib pdf Hindi, sikh Jaap Sahib pdf, Jaap Sahib pdf in Hindi, Jaap Sahib pdf in Hindi, japji sahib Jaap Sahib pdf, japji sahib with Jaap Sahib pdf, Jaap Sahib pdf in Hindi, full Jaap Sahib in Hindi, japji sahib Jaap Sahib pdf, nanaksar Jaap Sahib pdf, sukhmani sahib Jaap Sahib pdf, vishwakarma Jaap Sahib in Hindi pdf, ਅਰਦਾਸ in Hindi pdf, ਛੋਟੀ ਅਰਦਾਸ, ਛੋਟੀ ਅਰਦਾਸ, ਅਰਦਾਸ pdf, ਅਰਦਾਸ Download, Jaap Sahib in Gurmukhi
rehras sahib pdf, anand sahib pdf, Jaap Sahib pdf, Jaap Sahib subscription, Jaap Sahib in Hindi, Jaap Sahib mantra in Hindi pdf, Jaap Sahib march 2021, Jaap Sahib in Hindi may 2018, Jaap Sahib Hindi pdf, Jaap Sahibsahib in Hindi, Jaap Sahib in Hindi, Jaap Sahib in Hindi, Jaap Sahib, Jaap Sahib 2022, Jaap Sahib gurbani, Jaap Sahib Hindi pdf, Jaap Sahib october 2021
Jaap Sahib Sahab Path Pdf Download, Jaap Sahib Sahab Path Pdf In Hindi Download, Jaap Sahib Sahab Path Pdf 2022, जपजी साहिब Pdf In Hindi Download, Jaap Sahib Sahab path pdf in Hindi, Jaap Sahib Sahab path pdf in Hindi, Jaap Sahib Sahab path pdf in Hindi, Jaap Sahib Sahab path pdf in Hindi download, Jaap Sahib Sahab path pdf sikhnet, Jaap Sahib Sahab path pdf Hindi, download Jaap Sahib Sahab path pdf, free download Jaap Sahib Sahab path pdf, Jaap Sahib Sahab path pdf download, ਜਪੁਜੀ ਸਾਹਿਬ पीडीऍफ़,
rehras Sahab pdf, anand Sahab pdf, Jaap Sahib pdf, Jaap Sahib Sahab subscription, Jaap Sahib Sahab in Hindi, Jaap Sahib Sahab mantra in Hindi pdf, Jaap Sahib Sahab march 2021, Jaap Sahib Sahab in Hindi may 2018, Jaap Sahib Sahab Hindi pdf, Jaap SahibSahab in Hindi, Jaap Sahib Sahab in Hindi, Jaap Sahib Sahab in Hindi, Jaap Sahib Sahab, Jaap Sahib Sahab 2022, Jaap Sahib Sahab gurbani, Jaap Sahib Sahab Hindi pdf, Jaap Sahib Sahab october 2021
If you like our work leave your review in comments so that we can bring more subjective PDFs in different genre. If you have any book, comic, magazine or any readable material in pdf, ppt etc forms kindly send us at Wordparking@Gmail.Com we will publish that post with your name. Do follow us on twitter@bhannaat.
Leave a Reply