The Birds and Monkeys Story In Hindi… चिड़ियाँ और मूर्ख बन्दर…
एक जंगल में एक बरगद का पेड़ था उस पेड़ पर बहुत से पक्षियों ने अपने अपने घोंसले बनाए हुए थे क्योंकि वह पेड़ नदी के किनारे पर था तो आस-पास हरियाली थी और भिन्न-भिन्न प्रकार के पेड़-पौधे आस-पास उग आए थे जिस कारण वहाँ बहुत से जीव-जंतु रहने आ गए थे। वह पेड़ बहुत सी चिड़ियाओं के लिए एक Comfortable घर था। (The Birds and Monkeys Story In Hindi)
एक दिन बादलों पर घनघोर काले बादल छाए हुए थे और उस रात बहुत ज़ोरों से बारिश होने लगी। वहीं आसपास कुछ बन्दर खेल रहे थे, वे बारिश से बचने के लिए पेड़ के पास भागे लेकिन बारिश इतनी जोर की थी कि, सभी बन्दर पूरी तरह भीग गए और कुछ देर बाद वे ठण्ड से कंपकपा रहे थे। जब चिड़ियाओं ने उन्हें इतनी बुरी हालत में देखा तो उन में से एक चिड़िया ने कहा, “अगर तुम भी हमारी तरह घर बना लेते तो तुम्हें आज इस तरह भीगना और कंपकपाना नहीं पड़ता। अगर हम पक्षी अपनी नन्हीं चोंच से अपना आशियाना बना सकती है तो ईश्वर ने तुम्हें 2 हाथ दिए हैं जिस से तुम्हें भी हमारी तरह अपने लिए एक घर बना लेना चाहिए।
इतना सुन कर बन्दर झल्ला उठे और सभी चिड़ियाओं को सबक सिखाने की कसम खाई। उन्होंने अपने आप से कहा कि, चिड़िया को बारिश, हवा और ठण्ड से डर नहीं लगता क्योंकि उनके पास रहने को एक Comfortable घर है इसलिए वे हमने इस तरह अपमानित कर रहीं हैं। बारिश को रुक जाने दो हम भी उन्हें बता देंगे कि, किस प्रकार से घर बनाया जा सकता है?
जैसे ही सुबह बारिश रुक गई, बन्दर पेड़ पर चढ़ गए और सभी चिड़ियाओं के घोंसले तोड़ दिए, उनके अंडे भी पेड़ से नीचे गिरा दिए, उन्हें नवजात बच्चे भी पेड़ से नीचे फ़ेंक दिए। बेचारी चिड़ियाँ यहाँ-वहाँ उड़ती रहीं लेकिन कुछ कर न सकीं। उन्हें Realise हुआ कि, उन्हें मूर्ख बंदरों को बिना पूछे कोई सलाह देनी ही नहीं चाहिए थी। सलाह केवल बुद्धिमान व्यक्ति को दी जानी चाहिए जो उसकी कदर करे और कुछ सीखने की इच्छा रखता हो।
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