Einstein Special Theory of Relativity in Hindi (Special Theory of Relativity in Hindi part 2)
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1. Special Theory Of Relativity
2. General Theory Of Relativity
Special Theory of Relativity में 3 Concept दिए गए हैं।
जिसके अनुसार गति बढ़ने के साथ-साथ वस्तु की उर्जा पैदा करने कि क्षमता बढ़ जाती है और इस सिद्धांत के अनुसार किसी भी वस्तु को ऊर्जा में बदला जा सकता है और किसी ऊर्जा को भी वस्तु में बदला जा सकता है। इसी सिद्धांत को आधार मान कर महान वैज्ञानिक Albert Einstein द्वारा E= Mc^2 का Formula दिया गया। जो हमेशा के लिए उनके नाम के साथ जुड़ गया। अगर वे इस Formula को नहीं देते तो कभी भी परमाणु बम का आविष्कार नहीं हो पाता, तो आइए इस सूत्र को समझने की कोशिश करते हैं।
E = Energy मतलब वस्तु द्वारा पैदा की गयी ऊर्जा।
M= Mass मतलब किसी वस्तु का भार
C = Speed मतलब प्रकाश की गति।
इस Formule के अनुसार हम किसी वस्तु को 1 Gm लेते हैं और उस वस्तु को प्रकाश की गति से किसी दूसरी वस्तु से टकराया जाता है तो उस से लगभग 9 X 10 ^ 10 Joules ऊर्जा पैदा होती है। ऊर्जा की यह मात्र इतनी अधिक होती है कि, इस उर्जा से हम 9,000 सालों तक एक घर को बिजली दे सकते हैं। उसी प्रकार 1 Kg वस्तु में 9 X 10^16 Joules ऊर्जा निकलती है। इतनी ऊर्जा के द्वारा हम 10 लाख घरों को हम 3 सालों तक ऊर्जा की Supply दे सकते हैं।
इस ऊर्जा को समझने के लिए आप America द्वारा जापान में Hiroshima और Nagasaki में गिराए गए Atomic Bomb का ले सकते हैं। वर्ष 1945 में उस Government द्वारा Manhattan प्रोजेक्ट के तहत परमाणु बम बनाने का काम Start किया गया। जिसमें Albert Einstein द्वारा दिए गये E=Mc^2 Formula Use किया गया।
बहुत से लोगों का मानना है कि, Atomic Bomb Albert Einstein ने बनाया था लेकिन उन्होंने अपने आप को इस प्रोजेक्ट से दूर रखा था In fact वे नहीं चाहते थे कि, ये Bomb बनाया भी जाए और जब ये Bomb हिरोशिमा और नागासाकी पर गिरा तो इसने बहुत तबाही मचा दी और इस मंज़र को देख कर Einstein बहुत रोए। वे अच्छी तरह से जानते थे कि Atomic Bomb के दुष्परिणाम क्या हो सकते हैं और उस से बहुत से जीव पृथ्वी से लुप्त भी हो सकते हैं।
दरअसल Atomic Bomb बनाने में Henry De Wolf Smyth का बहुत बड़ा योगदान रहा है। परमाणु बम बनाने में Uranium 235 का लगभग 35 Kg Uranium का इस्तेमाल किया गया था जिसमें से मात्र 1 Kg Uranium ऊर्जा में बदल सकता था। इस परमाणु बम के विस्फोट से 15 Kg तो TNT ऊर्जा पैदा हुई जिस से 20 लाख सैनिक और 1.5 लाख लोग मारे गए।
Relativity Of Space के अनुसार अगर हम प्रकाश की गति से ट्रेवल करते हैं तो हमें लगेगा कि, दो वस्तुओ के बीच की दूरी कम हो गई है या सिकुड़ गई है।
Example देखिए- अगर कोई हवाई जहाज बहुत तेज़ Speed से जा रहा है और पृथ्वी पर बैठा इंसान उस हवाई जहाज को देखता है तो उसे वह छोटा नज़र आता है और जैसे-जैसे हवाई जहाज Speed Of Light को Approach करता है तो पृथ्वी पर बैठे इंसान को वह हवाई जहाज Light के रूप में दिखाई देता है और हवाई जहाज के अन्दर बैठे इंसान के लिए सारे प्लेनेट Shrink हो जाएँगे, यानि पूरा का पूरा Universe सिकुड़ जाएगा। Relativity Of Space को हम आम जीवन में महसूस नहीं कर सकते क्योंकि हम अभी तक Speed Of Light तक नहीं पहुँच पाए हैं।
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धन्यवाद !!!
समझो हम एक रेल्वे के डिब्बेमे बैठे है
डिब्बे को फड़के। कठडे नही है। डिब्बा बिलकुल सपाट है
रेल्वे एक समान गतीसे चल रही है
समझो ६०किमी/आवर गतीसे चल रही है
अगर हमने एक बॉल ऊपर उछाला तो वह
बराबर अपने हाथ मे आता है
ऐसे हमने बॉल ऊपर ६ फूट ७फूट ऐसी ऊंचाई
बढ़ाते गए तो एक ऐसी ऊंचाई आएगी जब बॉल
अपने हाथ में न आकर पीछे गिरेगा
मै ये जानना चाहता हु की वेग के अनुपात में
बॉल हाथ में ना आनेकी ऊंचाई कैसे बदलती हैं
समझो रेलवे ७० की स्पीड में ऊंचाई अलग होगी
और ९०की स्पीड में अलग होगी
इसमें हवा का प्रतिरोध का विचार नहीं किया है
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