Reality of doctors in India doctor or devil Good doctors vs bad doctors
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भारत पूरी तरह से विविधताओं से घिरा हुआ देश है इसलिए यहाँ जनसंख्या अच्छी तरह से फलती-फूलती रहती है। अधिक जनसंख्या होने के कारण यहाँ बीमार होने के Chance भी बढ़ जाते हैं तब ऐसा होने पर बचाने की जिम्मेदारी हर देश के Doctors की होती है।
No Doubt Doctors अपने Profession में बहुत मेहनत करते हैं, उन्हें बहुत बार Overtime करना पड़ता है जिससे उनकी Family और Personal Life पर भी Affect पड़ता है, Difficult Patients को भी Treat करना पड़ता है, बहुत से Doctors को तो Salary भी उनके काम की अपेक्षा कम मिलती है फिर भी ऐसे डॉक्टर्स अपने काम को बहुत अच्छी तरह से निभाते हैं और अन्य लोगों के लिए Example भी Set करते हैं।
हॉस्पिटल और डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है क्योंकि डॉक्टर बहुत से लोगों का जीवन बचाते हैं। Corona के Time पर भी सारी जनता ने Doctors को सिर पर बैठा लिया था ऐसा लग रहा था जैसे सम्पूर्ण मानव जाति को बचाने की जिम्मेदारी केवल Doctors की थी, प्रशासन, PWD, चपरासी, पुलिस बल और सरकार तो जैसे कुछ करती ही नहीं है।
आज मैं डॉक्टर्स के इस रूप के बारे में भी बताना चाहता हूँ। मेरा उद्देश्य किसी भी प्रोफेशन को गलत ठहराना नहीं है बल्कि आप सब का ध्यान इस ओर आकर्षित करना है कि हर Profession का कोई Positive तो कोई Negative Side भी होता है।
भारत में अभी भी डॉक्टरों की कमी है। यहाँ की बीमारी को देखते हुए जिस प्रकार भारत में जनसंख्या में वृद्धि हुई है उसी रेश्यो में डॉक्टर की वृद्धि नहीं हुई है। जितने भी लोग डॉक्टर थे उन पर ही और अधिक Pressure पड़ता रहता है। लेकिन ऐसा नहीं हैं, सरकारी हॉस्पिटल्स में जितने भी डॉक्टर्स हैं उतने Doctors लोगों का इलाज करने के लिए पर्याप्त हैं अगर सभी डॉक्टर्स अपनी 8 घंटे की Duty बिल्कुल ईमानदारी से करें तो Treatment अच्छा किया जा सकता है, लेकिन Duty को कोई ठीक से करना नहीं चाहता। क्योंकि डॉक्टर्स का मानना है कि एक बार किसी तरह सरकारी डॉक्टर बन जाए उस के बाद कौन पूछता है बस 8 घंटे Time Pass किया और निकल लिए।
Reality of doctors in India Good doctors vs bad doctors
कुछ सरकारी डॉक्टर तो बहुत अकलमंद होते है, सरकारी नौकरी के 8 घंटे पूरे करने के बाद भी प्राइवेट क्लिनिक चलाते हैं, जो डॉक्टर्स स्वयं की Clinic नहीं चला पाते वे अपना कुछ टाइम प्राइवेट हॉस्पिटल्स में Operations कर के एक्स्ट्रा Income बना लेते हैं और कुछ Pro Level Doctors तो सरकारी 8 घंटों में भी Time निकल कर 2-4 Patients को नाप देते हैं।
प्राइवेट Doctors को इस मामले में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि प्राइवेट हॉस्पिटल्स में उनके उपर एक तलवार सी लटकती रहती है। लेकिन यहाँ भी Patients के साथ बहुत शोषण किया जाता है छोटी सी बीमारी का बहुत मोटा दाम वसूला जाता है। गरीब तो क्या मिडल क्लास व्यक्ति की भी कमर अच्छे से टूट जाती है।
मेडिकल Line में भी ठगी का अच्छा नेटवर्क चलता है, एक Middle Class Family में अगर एक बच्चे को खाँसी-जुखाम जैसी कोई छोटी-मोटी बीमारी होती है तो पहले डॉक्टर्स की Consultation Fees लगभग ₹500 फिर दवा का खर्च लगभग ₹500 से ₹800 इस तरह से सभी Level से गुजरने पर Line में खड़े अंतिम व्यक्ति को छोटी बीमारी के लिए ₹1000 – ₹1500 खर्च करने पड़ते हैं।
जो बीमारी केवल एक Cough Syrup से ठीक हो सकती थी उसके लिए आम जनता को हजारों रुपयों का खर्च हो रहा है और अगर कहीं किसी कारण से आप प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती हो जाते हैं तो आप से प्रतिदिन की वसूली होटल रूम की तरह अलग से की जाएगी जो Hotel Room से बहुत अधिक होगी।
असलियत में हॉस्पिटल यम के घर के समान है यहाँ से कुछ बदकिस्मत लोग तो घर लौट कर आ ही नहीं पाते और जो लौट आते हैं 4 नई बिमारियों की शंका साथ में ले आता है। आजकल तो Doctors केवल उस दवा को Prescribe करते हैं जिस Company से उन्हें बढ़िया सा Gift मिला हो या फिर उस Medicine में अच्छा खासा Profit Percentage हो। ऐसे Doctors को Patients की भावनाओं से या उसकी आर्थिक स्थिति से कोई फर्क नहीं पड़ता।
Reality of doctors in India
एक कहावत है “हकीम का यार, रहे सदा बीमार” आज इसे युवा और नई पीढ़ी इस कहावत को नहीं समझ पाएगी। मैं खासकर उस डॉक्टर की बात कर रहा हूँ जो बीमारी का कारोबार कर रहे हैं, बीमारी का बिजनेस कर रहें हैं और बीमारी को धंधा बना दिया है। Private Hospitals में दवाओं की भी अच्छी गुंडागर्दी चलती है क्योंकि दवा आपको उनके ही Medical Store से लेनी पड़ती है चाहे वह दवा कितनी ही महँगी क्यों न हो, आपको दवा लेने के लिए Force किया जाता है क्योंकि उन दवाओं पर मोटा Margin होता है जो कि बिलकुल Unethical है, उनके सामने दवाओं और जेनेरिक दवाओं की तो कोई औकात ही नहीं है, इनका नाम सुनते ही जैसे उनको साँप सूँघ जाता है।
सिर्फ कुछ पैसे की वसूली के लिए मृत व्यक्ति को Oxygen लगा कर अधिक दिनों तक भर्ती दिखा कर खूब पैसा छापा जाता है, किसी प्रेगनेंट महिला, जिसकी Normal Delivery भी की जा सकती थी उस का भी कुछ पैसों के लिए पेट काट कर सर्जिकल Operation कर दिया जाता है और पीड़ित व्यक्ति इसलिए कुछ नहीं कर सकता क्योंकि वह किसी को खोने से और कुछ अनहोनी हो जाने से डरता है इसलिए वह घर जमीन बेच कर भी पैसे जुटता है। न जाने कितने लोग केवल डॉक्टर्स की लापरवाही के कारण ही अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं क्योंकि डॉक्टर्स की लाइन में Murders को मर्डर नहीं कहा जाता यहाँ केवल एक Sorry से काम चल जाता है शायद इसलिए मेडिकल लाइन में इसे प्रैक्टिस का नाम दिया जाता है।
मैं हर उस ईमानदार डॉक्टर का सम्मान करता हूँ जो अपना काम ईमानदारी से करते हैं, कुछ डॉक्टर्स तो अपनी जान लगा कर भी Patients को आखिरी साँस तक बचाने का काम करते हैं।
Sushovan Banerjee शायद आप इन्हे नहीं जानते होंगे क्योंकि जो डॉक्टर्स Real Life में लोगों का परोपकार करते हैं वे डॉक्टर्स इतने Famous नहीं हो पाते, इन्हें “एक रुपए के डॉक्टर” के नाम से जाना जाता है ये लोगों से फीस के नाम पर कई वर्षों से सिर्फ 1 रुपए लेते हैं।
Jayashree Mondkar एक Neonatologist (नवजात शिशु की देखभाल करने वाला Doctor) इन्होंने 1989 में Mumbai में नवजात शिशुओं के लिए Asia के पहले Human Milk Bank की स्थापना की, इस बैंक में महिलाएँ अपना दूध दान करती हैं जिस के कारण बहुत से बच्चों की जान बचाई जाती है। डॉ. सुरभि धनवाला ने Lymphatic (लिम्फ नोड्स) को मुक्त करने, माँसपेशियों की बिंदु कठोरता को Trigger करने के लिए Lymphatic And Neuro Muscular Massage Therapy को डिजाइन किया है, मरीज़ इनके Design किए गए तरीकों से एक ही बैठक में परिणाम देख सकते हैं वह भारतीय, थाई और चीनी और अन्य की विभिन्न तकनीकों का उपयोग कर रही हैं।
Anandibai Joshi ये भारत की पहली महिला डॉक्टर थी जिन्होंने Western Medicine को Study किया और बहुत सी महिलाओं को भी Medicine की Study में सहायता प्रदान की।
कर्नाटक में पहली Bike Ambulance Service Launch की गई ताकि लोगों को जल्द से जल्द Hosoital तक पहुँचाया जा सके इस Bike Ambulance Model को Delhi Government ने भी Pilot Project के रूप में शामिल है।
मैं यह नहीं कहना चाहता कि Doctors सभी का इलाज ₹1 में करना शुरू कर दें, या Treatment छोड़कर लोगों पर परोपकार करने निकल पड़ें लेकिन जो Unethical Practices है उसे तो Definitely कम किया जा सकता है अपनी Duty ठीक से की जा सकती है। देश में ऐसे भी कई Doctors हैं जो आज भी लोगों को Generic दवाओं से ठीक कर रहें हैं, कुछ Doctors लोगों को Reasonable Price में ठीक कर देते हैं और ऐसे डॉक्टर्स को लोग याद भी रखते हैं। मैं भारत की जनता से कहना चाहता हूँ कि हॉस्पिटल और डॉक्टर को भगवान का दर्जा न दें, उन्हें डॉक्टर ही रहने दें ।
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