Electricity Explained In Hindi (इलेक्ट्रिसिटी (बिजली) क्या है?)
बात आज से बहुत साल पहले की है लगभग 600 ई.पू. में यूनान के वैज्ञानिक थेल्स ने पाया कि, जब अम्बर (umber) नामक पदार्थ को ऊन (wool) के किसी कपड़े से रगड़ा जाता है तो उसमें छोटी-छोटी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करने का गुण आ जाता है और वह वस्तुओं को खींचता है। जिसके कारण पदार्थ जगमगा उठते हैं, उसे ही हम ‘विद्युत’ (Electricity) कहते हैं। जब आवेश किसी तार (wire) या चालक (Conductor) पदार्थ में बहता है तो उसे धारा विद्युत (Current Electricity) कहते हैं। आवेश दो प्रकार के – धनात्मक (+ve Positive Charge) व ऋणात्मक (-ve Negative Charge) होते हैं। (What is Electricity in Hindi)
चालक तथा कुचालक पदार्थ (Conductors & Non- Conductors In Hindi)
Things which let the current pass through them are called good conductor of electricity and things which do not let the electric current pass through them are called bad conductor or non conductor.
जिन पदार्थों से होकर विद्युत आवेश सरलता से प्रवाहित होता है, उन्हें चालक कहते हैं जैसे Iron, Aluminium, Water etc… तथा वे पदार्थ जिनसे होकर आवेश का प्रवाह नहीं होता है, कुचालक कहलाते हैं जैसे Wood Coal, Plastic etc… लगभग सभी धातुएँ, अम्ल क्षार, लवणों के जलीय विलयन, मानव शरीर आदि विद्युत चालक पदार्थों के उदाहरण हैं तथा लकड़ी, रबड़, कागज, अभ्रक आदि कुचालक पदार्थों के उदाहरण हैं।
विद्युत धारा (Electric Current In Hindi)
आवेश के प्रवाह को विद्युत धारा (Electric Current) कहते हैं। ठोस चालकों में आवेश का प्रवाह इलेक्ट्रॉनों के एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानांतरण के कारण होता है। जबकि द्रवों जैसे- अम्लों, क्षारों (Base) व लवणों (Acidic) के जलीय विलयनों तथा गैसों में यह प्रवाह आयनों की गति के कारण होता है। यदि किसी परिपथ में धारा एक ही दिशा में बहती है तो उसे दिष्ट धारा (Direct Current) कहते हैं तथा यदि धारा की दिशा लगातार बदलती रहती है तो उसे ‘प्रत्यावर्ती धारा’ (Alternating Current) कहते हैं।
विभवान्तर (Potential Difference In Hindi)
एकांक आवेश द्वारा चालक के एक सिरे से दूसरे सिरे तक प्रवाहित होने में किए गए कार्य को ही दोनों सिरों के मध्य विभवांतर कहते हैं।
v = w/q (जहाँ v= विभवांतर, w= कार्य व q = प्रवाहित आवेश है।
विभवांतर का मात्रक वोल्ट (Volt) है।
विद्युत सेल (Electric Cell In Hindi)
In electric cell we convert chemical energy to electric energy by some chemical reactions.
विद्युत सेल में विभिन्न रासायनिक क्रियाओं से रासायनिक ऊर्जा (Chemical Energy) को वैद्युत ऊर्जा (Electric Energy) में परिवर्तित किया जाता है। विद्युत सेल में धातु की दो छड़ें होती हैं जिन्हें इलेक्ट्रोड(Electrodes) कहते हैं।
विद्युत सेल (Electric Cell) मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं-
प्राथमिक सेल (Primary cell) – इसमें रासायनिक ऊर्जा को सीधे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है तथा इन्हें केवल एक बार USE किया जा सकता है यानि ये Rechargeable नहीं होते। Example : वोल्टीय सेल, लेक्लांशे सेल, डेनियल सेल, बुनसेन सेल आदि इसके उदाहरण हैं।
द्वितीयक सेल (secondary cell) -इसमें पहले विद्युत ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा, फिर रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है तथा इन्हें बार-बार USE किया जा सकता है ये पूरी तरह Rechargeable होते हैं। इसका इस्तेमाल मोटरकारों, ट्रकों इत्यादि को स्टार्ट करने में किया जाता है।
कूलॉम का नियम (Coulomb’s Law)
Charges which are repel and opposite to each other attract, with a force proportional to the product of the charges and inversely proportional to the square of the distance between them.
कूलाम के अनुसार दो स्थिर आवेशों के बीच लगने वाला बल, उनकी मात्राओं के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती व उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
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